...हालांकि प्रेस को अपने विचारों को अभिव्यक्त करने की पूर्ण स्वतंत्रता होनी चाहिए, उसे (प्रेस को) अपनी जिम्मेदारियों का एहसास होना चाहिए। स्वतंत्रता के अपने दायित्व होते हैं।

इस देश में जो कि कल ही आज़ादी जीता है.....तब तक प्रगति करना असंभव है जब तक कि हम व्यवस्था बहाल नहीं कर लेते। विभाजन ने हमारे इस काम को कठिन बना दिया है।

...देश की पहली आवश्यकता बाहरी और आंतरिक सुरक्षा थी। जब तक कि सुरक्षा न हो तब तक आपके पास कोई योजना नहीं हो सकती।

सरकार की प्रतिष्ठा को बनाए रखने और नागरिकों के सम्मान की रक्षा करने की जिम्मेदारी आपकी (पुलिस की) है। यदि आप केवल अपराध का पता लगाते हैं और अपराधियों को कानून के हवाले करते हैं तो यह पर्याप्त नहीं है। आपको लोगों का स्नेह जीतने की भी कोशिश अवश्य करनी चाहिए। एक पुलिस अधिकारी या पुलिस वाला जो किसी स्थिति को संभालने में अपना संयम खो देता है वह पुलिस बल का सदस्य बन ने के लायक नही है।

ऐसे कुछ युवक हैं जो मानते हैं कि इस देश में हिंदू राज होना चाहिए और सिर्फ हिन्दू संस्कृति का ही भारत में स्थान है। गांधीजी उस उन्मत्त विचार के खिलाफ लड़ रहे थे .... उन्होंने कहा कि हमारा उद्धार एकता पर निर्भर है।

पहली बार हमारे पास वयस्क मताधिकार है और जब तक लोग उचित प्रबुद्ध तरीके से अपना फ्रैंचाइजी का प्रयोग नहीं करते या कर पाते हैं, तब तक लोकतंत्र का काम मुश्किल होगा और हमें भारी नुक्सान हो सकता है।

एक लोकतांत्रिक व्यवस्था में हमें प्रेस की स्वतंत्रता, भाषण की स्वतंत्रता, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और संघ की स्वतंत्रता और सभी तरह की स्वतंत्रता होना चाहिए।

हमारी आजादी लाखों लोगों के बलिदान से प्राप्त की गई है। यदि हम उस स्वतंत्रता का समर्पण कर देते हैं और उन लोगों की धमकियों के आगे झुक जाते हैं जो विदेशी संगठनों के लिए काम करते हैं तो यह उन बलिदानों के लिए एक अपर्याप्त प्रतिदान होगा ।

जाति और पंथ का कोई भेद हमें रोक न सके। सभी भारत के बेटे और बेटियाँ हैं। हम सभी को अपने देश से प्यार करना चाहिए और पारस्परिक प्रेम और मदद पर अपनी नियति का निर्माण करना चाहिए।

यह सच है कि हमने विदेशी शासन हटा दिया लेकिन इसे हटाने के बाद हमने आपस में ही लड़ाई-झगड़ा किया और एक दूसरे का गला काटने लगे। विश्व के सामने हमने एक ऐसा तमाशा प्रस्तुत किया है जो हमारी संस्कृति के एकदम विरुद्ध और पूरी तरह से गांधीजी की शिक्षाओं के विपरीत है।