२५ साल की उम्र में पटेल ने वक़ालत की परीक्षा पास की और अपनी लाल पाटीदार पगड़ी के साथ-साथ धोती एवं कमीज़ के ऊपर वक़ील का काला कोट पहनना शुरू किया।

गोधरा में आकर अपने एक दोस्त से पैसे उधार लिए और किराये पर एक घर ले लिया। नीलामी में उन्होंने कुछ फर्नीचर खरीदे जिसमें कुछ कुर्सियाँ, एक मेज, कुछ मसनदें और कुछ वर्ग गज की खुरदुरी चटाई थी। इसी के साथ उन्होंने अपने वक़ालत के पेशे शुरुआत की। यहाँ वे अपनी पत्नी झावेरबा जिनसे उनका विवाह नौ साल पहले हुआ था, के साथ अंततः अपने वैवाहिक जीवन की शुरुआत की।

वे ज्यादातर आपराधिक मामलों को स्वीकार करते थे तथा उनके पेशे की तेज़ी से हुई उन्नति उल्लेखनीय थी।इस उन्नति के मध्य एक अज्ञात ख़तरा घात लगाकर बैठा था। वह था ख़तरनाक प्लेग।

अपने दोस्त जो इसके शिकार हुए थे उनकी देख-रेख करने के बाद वल्लभभाई खुद इस रोग शिकार हो गए थे। अपनी पत्नी की सुरक्षा के लिए, उसे दूर भेज दिए। कहा जाता है कि वल्लभभाई खुद नडियाड चले गए जहाँ वे ठहरे और अच्छे हुए पर कुछ सूत्रों का कहना है कि वे एक जीर्ण मंदिर में स्वयं अकेले थे।

DC Identifier
19YY-NAI-SP-173
DC Location
Kheda,India
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DC Format
jpg
DC Type
Image
Subject Classification
पेशेवर ज़िंदगी

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